SEO क्या है कैसे करें | SEO Kya hai Tips In Hindi

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SEO क्या है कैसे करें | SEO Kya hai Tips In Hindi

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SEO यानी ‘सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन,’ एक तकनीक है जिसका उद्देश्य है आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन की सर्च परिणामों में बेहतर स्थान दिलाना। यह आपकी वेबसाइट को अधिक विजिबल और ज्यादा यूजर्स तक पहुंचाने में मदद करता है। यह आपकी वेबसाइट के बारे में ज्यादा लोगों तक पहुंचने का माध्यम हो सकता है और आपके डिजिटल प्रेसेंस को बढ़ावा दे सकता है।

SEO का फुल फॉर्म (Full Form):

SEO का पूरा नाम “सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन” है।

SEO क्या हैं (What is Search Engine Optimization):

SEO का मुख्य उद्देश्य यह है कि आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन के नियमों और मानकों के अनुसार अनुकूलित करके विशेष शब्दों पर अधिक विजिबल बनाना है, जिससे आपकी वेबसाइट ज्यादा खोजा जाता है।

SEO टिप्स (SEO Tips):

SEO को समझने और कार्यान्वित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स इस प्रकार हैं:

  1. साईट की स्पीड: आपकी वेबसाइट की गति महत्वपूर्ण है, क्योंकि गूगल और उपयोगकर्ता दोनों को तेज़ साइट पसंद होती है।
  2. कीवर्ड: अपने सामग्री में महत्वपूर्ण कीवर्डों का इस्तेमाल करें जो आपकी वेबसाइट के विषय से संबंधित हों।
  3. हैडिंग बनाएं: अपने पोस्टों में संवादात्मक और महत्वपूर्ण हैडिंग इस्तेमाल करें।
  4. रिलेटेड पेजों का लिंक दें: एक पेज से दूसरे पेजों को जोड़ने के लिए इंटरनल लिंकिंग का इस्तेमाल करें।
  5. एक्सटर्नल लिंक बनाएं: आपकी साइट से बाहर जाने वाले लिंक भी महत्वपूर्ण हैं।
  6. कमेंट बढ़ाएं: आपकी पोस्टों पर उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद करने के लिए कमेंट अनुमति दें।
  7. सोशल वेबसाइट से जुड़ें: आपकी साइट को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से जोड़ने के लिए साइट के सोशल शेयर बटन जोड़ें।
  8. मेटा डिस्क्रिप्शन: हर पोस्ट के लिए एक मेटा डिस्क्रिप्शन लिखें जो विषय को संक्षेपित रूप में बताएँ।

SEO के प्रकार (Types of SEO):

  1. On Page SEO: इसमें वेबसाइट के भीतर अपग्र
  2. सर्च इंजन कैसे काम करता है (Search Engine Optimization का एक अवलोकन):क्रावलिंग (Crawling): सर्च इंजन बॉट्स या स्पाइडर्स वेब पेज्स को क्रॉल करते हैं, अर्थात सभी वेबसाइट्स के पेज्स पर जाते हैं। वे उन पेज्स को पढ़ते हैं और उनके लिंक्स को फॉलो करके और प्रत्येक पेज की जानकारी को सर्च इंजन के डेटाबेस में जमा करते हैं।इंडेक्सिंग (Indexing): एक बार जब सर्च इंजन बॉट्स वेब पेज्स को क्रॉल करते हैं, वे उन पेज्स की जानकारी को इंडेक्सिंग के लिए रखते हैं। इंडेक्सिंग का मतलब है कि वेब पेज्स की महत्वपूर्ण जानकारी, जैसे कि कीवर्ड, सामग्री, और लिंक्स, वेबसाइट के डेटाबेस में संग्रहित की जाती है।मैचिंग (Matching): जब यूजर सर्च क्वेरी देता है, तो सर्च इंजन इंडेक्सिंग डेटाबेस में से उन पेज्स को खोजता है जिनमें सर्च क्वेरी से मेल खाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, सबसे मेल खाने वाले पेज्स को सर्च परिणामों में प्रदर्शित किया जाता है.

    SEO कैसे करें (Kaise Kare):

  3. यदि आप अपनी वेबसाइट को सर्च इंजन पर अच्छी तरह से दिखाना चाहते हैं, तो आपको SEO का अच्छा ढंग से काम करना होगा। यहां कुछ महत्वपूर्ण SEO टिप्स हैं:
    1. साईट की स्पीड: आपकी वेबसाइट की गति महत्वपूर्ण है, क्योंकि गूगल और उपयोगकर्ता दोनों को तेज़ साइट पसंद होती है।
    2. कीवर्ड: अपने सामग्री में महत्वपूर्ण कीवर्डों का इस्तेमाल करें जो आपकी वेबसाइट के विषय से संबंधित हों।
    3. हैडिंग बनाएं: अपने पोस्टों में संवादात्मक और महत्वपूर्ण हैडिंग इस्तेमाल करें।
    4. रिलेटेड पेजों का लिंक दें: एक पेज से दूसरे पेजों को जोड़ने के लिए इंटरनल लिंकिंग का इस्तेमाल करें।
    5. एक्सटर्नल लिंक बनाएं: आपकी साइट से बाहर जाने वाले लिंक भी महत्वपूर्ण हैं।
    6. कमेंट बढ़ाएं: आपकी पोस्टों पर उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद करने के लिए कमेंट अनुमति दें।
    7. सोशल वेबसाइट से जुड़ें: आपकी साइट को सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के साथ जोड़ने के लिए सोशल मीडिया बटन और लिंक्स का उपयोग करें।
    8. रेगुलर अपडट करें: आपकी साइट को नियमित रूप से अपडेट करने के माध्यम से गूगल को आपकी साइट की ताजगी के बारे में सूचना मिलती है।
    9. मेटा डिस्क्रिप्शन: प्रत्येक पोस्ट के लिए मेटा डिस्क्रिप्शन जोड़ें, जो आपकी पोस्ट की सारांश होता है और यूजर्स को आपकी साइट पर आने के लिए प्रेरित करता है।
    10. SEO के प्रकार (Types of SEO):
      1. On-Page SEO: इसमें आप अपनी साइट के अंदरी तौर पर काम करते हैं, जैसे कीवर्ड उपयोग, हैडिंग, मेटा डिस्क्रिप्शन, और अन्य साइट गुणवत्ता परामीय।

      On-Page SEO फैक्टर्स:

      मेटा कीवर्ड: प्रत्येक पोस्ट के लिए मेटा कीवर्ड तैयार करें, जो पोस्ट की सारांश को संक्षेपित करते हैं और गूगल को आपके पोस्ट की सामग्री के बारे में जानकारी देते हैं।

      • कीवर्ड रिसर्च: उपयुक्त कीवर्ड्स का चयन करना।
      • **हेड
      • सर्च इंजन का काम और सीओ के बारे में आपके द्वारा दिए गए विवरण में कुछ सुधार करके निम्नलिखित रूप में दिया गया है:
      • सर्च इंजन कैसे काम करता है:
        1. क्रॉलिंग: सर्च इंजन का पहला चरण है क्रॉलिंग, जिसमें सर्च इंजन बॉट्स या स्पाइडर्स वेब पेज्स को विजिट करते हैं। वे वेब पेज्स के हाइपरलिंक्स के माध्यम से अन्य वेब पेज्स पर जाते हैं और उनकी मेटा डेटा, सामग्री और लिंक्स को क्रॉल करते हैं।
        2. इंडेक्सिंग: इंडेक्सिंग के दौरान, सर्च इंजन बॉट्स या स्पाइडर्स द्वारा क्रॉल किए गए वेब पेज्स का डेटा संग्रहित किया जाता है और सर्च इंजन की इंडेक्स में जोड़ा जाता है। इंडेक्सिंग वेब पेज्स को सर्च इंजन के डेटाबेस में जोड़ने की प्रक्रिया है ताकि उन्हें उपयुक्त खोज परिणाम में शामिल किया जा सके।
        3. मैचिंग: जब एक यूजर सर्च इंजन में कुवेरी देता है, तो सर्च इंजन मैचिंग प्रक्रिया शुरू करता है। सर्च इंजन की अल्गोरिदम्स की मदद से, यह मैचिंग करता है कि कौन-कौन से वेब पेज्स उपयुक्त खोज परिणाम के रूप में प्रदर्शित किए जाएंगे। इसमें कीवर्ड, मेटा डेसक्रिप्शन, और अन्य फैक्टर्स का महत्वपूर्ण भूमिका होता है।

          SEO कैसे करें:

          1. वेबसाइट की स्पीड: अपनी वेबसाइट की स्पीड को बढ़ाएं, क्योंकि यह सर्च इंजन रैंकिंग में महत्वपूर्ण है।
          2. अच्छा एरिया चुनें: वेबसाइट के लिए एक अच्छा एरिया चुनें जिसमें आपकी रुचि हो और जो विचारपूर्ण हो।
          3. उपयुक्त URL बनाएं: उपयुक्त और सार्वजनिक URL बनाएं और कीवर्ड का उपयोग करें।
          4. कीवर्ड अनुसंधान: अपने विषय के संबंधित कीवर्ड्स का अनुसंधान करें और उन्हें अपने वेबसाइट पर शामिल करें।
          5. URL कीवर्ड में हो|
          6. कमेंट बढ़ाये :
            आपके पोस्ट में जितने ज्यादा कमेंट होंगे आपको उतनी ही सफलता मेलेगी अतः इस तरह के पोस्ट लिखे कि पाठक कमेंट करने पर मजबूर हो जायेंone hundred fifty वर्ड्स में लिखे search engine optimizationमेटा कीवर्ड :
            अपने ब्लॉग के महत्वपूर्ण कीवर्ड और उसके समानार्थी शब्दों को मेटा कीवर्ड में डाले

            Seo के प्रकार

             

            आमतौर पर search engine optimization 2 प्रकार की होती है

            page seo एवं Off page search engine optimization. Search engine optimization के दोनों ही प्रकार किसी भी वेबसाइट के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होते हैं। जहां on page seo साइट को गूगल पर मजबूत बनाती है वही off web page search engine optimization साइट का बैकअप मजबूत करती है। साइट पर सबसे मुख्य होता है ट्रैफिक को बढ़ाना और उसके लिए दो इंपॉर्टेंट फेक्टर है जिनका ख्याल रखना बहुत जरूरी है और वह है on web page और off web page seo. अब यह दोनों होते क्या है और किस तरह से काम करते हैं आइए जान लेते हैं।

            On page seo 
            
            हम जिस विषय से संबंधित अपनी साइट को तैयार करते हैं उसके कुछ कीवर्ड रिसर्च करने के बाद उसी तरह का कॉन्टेंट लिखकर अपनी वेबसाइट पर डालते हैं। वेबसाइट पर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के अनुसार हमें कुछ सेटिंग भी करनी होती है ताकि हम कांटेक्ट को सेट करके गूगल में रैंक कराने के लिए तैयार कर सकें। ऑन पेज सेट करने के बाद ही किसी वेबसाइट पर ऑर्गेनिक ट्रैफिक लाने में मदद मिलती है।

            On page seo फैक्टर्स

            वेबसाइट का ऑन पेज सेट करने के लिए कुछ ऐसे महत्वपूर्ण फैक्टर हैं जिनके बारे में हम आपको यहां पर बताएंगे:-

            वेबसाइट डिजाइन :- ऑन पेज सेटिंग में वेबसाइट का डिजाइन बहुत ज्यादा मायने रखता है कि आपके वेबसाइट पर जो डिजाइन आप इस्तेमाल कर रहे हैं वह कैसा है क्या वह गूगल के एल्गोरिदम के अनुसार है या नहीं। गूगल के एल्गोरिदम के अनुसार आपकी वेबसाइट का डिजाइन बहुत ही सिंपल और आपके विषय को डिफाइन करने वाला होना चाहिए।
            वेबसाइट स्पीड :– आपकी वेबसाइट की स्पीड भी बहुत अच्छी होनी चाहिए क्योंकि ऑन पेज सेटिंग में इसका बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान होता है। गूगल में अच्छे स्थान पर अपनी वेबसाइट पहुंचाने और ऑर्गेनिक ट्रैफिक लाने के लिए वेबसाइट की स्पीड बहुत अच्छी होनी चाहिए। आपकी वेबसाइट की स्पीड कम से कम 80 से ऊपर होनी चाहिए।
            वेबसाइट स्ट्रक्चर :- आपके वेबसाइट के स्ट्रक्चर से पता चलता है कि आपकी वेबसाइट किस विषय से संबंधित है इसलिए गूगल को अपनी वेबसाइट के बारे में बताने के लिए अपनी वेबसाइट का स्ट्रक्चर अच्छे से तैयार करें। जब आपकी वेबसाइट का स्ट्रक्चर गूगल को आपकी वेबसाइट के बारे में बताएगा तभी आसानी से आपकी वेबसाइट गूगल में रैंक होने लगती है।
            वेबसाइट फ़ेविकॉन :– आपकी वेबसाइट किस विषय से संबंधित है वह दर्शाने के लिए एक छोटा सा आइकन आपकी वेबसाइट पर लगाया जाता है जिससे आपकी वेबसाइट की पहचान होती है। अगर आप किसी साइट को ओपन करेंगे तो आपको शाहिद के नाम के साथ एक छोटा सा आइकन दिखाई देगा उसे फेविकॅन कहते हैं।
            मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट :- आज के समय में हर कोई मोबाइल पर इंटरनेट यूज करते हैं इसलिए आप की वेबसाइट अगर मोबाइल फ्रेंडली है तो बहुत जल्दी आपको ऑर्गेनिक ट्रैफिक मिलेगा। इसलिए अपनी वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाना बहुत ज्यादा जरूरी है।
            टाइटल टैग :– आपकी वेबसाइट पर कांटेक्ट बहुत महत्व रखता है ऐसे में उस पर टाइटल टैग होना बहुत जरूरी है जो आपकी वेबसाइट या ब्लॉग से संबंधित जानकारी गूगल को दें। टाइटल टैग आपके कॉन्टेंट के बारे में बताता है कि आपका कॉन्टेंट किस विषय से संबंधित है।
            मेटा डिस्क्रिप्शन :– किसी भी कॉन्टेंट या ब्लॉक में मेटा डिस्क्रिप्शन का होना बहुत जरूरी है जो यह बताता है कि आपके उस पेज या वेबसाइट पर किस चीज के बारे में बताया गया है। मेटा डिस्क्रिप्शन ऐड करने के लिए वर्डप्रेस की साइट में अलग से विकल्प होता है और अन्य साइट में कोडिंग की सहायता से ऐड किया जाता है।
            कीवर्ड डेंसिटी :- किसी भी कांटेक्ट में ऑन पेज सेटिंग करने के लिए कीवर्ड डेंसिटी का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। गूगल के एल्गोरिदम के अनुसार एक कॉन्टेंट में कुछ कीवर्ड डेंसिटी निर्धारित की जाती है उसी के अनुसार अपने कांटेक्ट में कीवर्ड डालने अनिवार्य होते हैं। गूगल एल्गोरिदम के अनुसार ऑन पेज सेटिंग करने के बाद ही आपकी साइट जल्दी गूगल में क्रॉल होती है और ऑर्गेनिक ट्रैफिक हासिल कर पाती है।
            इमेज ऑल टैग :– जिसकी वर्ड का इस्तेमाल आपने अपने कॉन्टेंट में किया है यदि आप उसे इमेज ऑल टैग में भी यूज करेंगे तो वह बहुत जल्द गूगल में क्रॉल हो जाता है। ऑन पेज सेटिंग का यह बहुत ही महत्वपूर्ण फीचर है। आप जो भी कॉन्टेंट के बीच में इमेज डालते हैं उसमें कीवर्ड का ऑल टैग जरुर लगाएं ताकि आपके कांटेक्ट के साथ आपकी इमेज भी ऑन पेज सेटिंग के अनुसार सेट की जा सके।
            यूआरएल स्ट्रक्चर :– आपके कांटेक्ट या वेबसाइट का यूआरएल स्ट्रक्चर कैसा है यह भी ऑन पेज सेटिंग में देखना बहुत जरूरी होता है। यूआरएल से पता चलता है कि आपकी वेबसाइट के कौन से पेज या ब्लॉग में किस टॉपिक के बारे में बताया गया है।
            इंटरनल लिंक :- अपने एक ब्लॉक को दूसरे ब्लॉक के साथ इंटरलिंक करने से आपकी वेबसाइट का ट्रैफिक एक ब्लॉग से दूसरे ब्लॉक तक जाता है जिससे ट्रैफिक बढ़ाने में मदद मिलती है। अधिक ट्रैफिक और ऑन पेज सेटिंग करने के लिए इंटरलिंकिंग करना बहुत आवश्यक होता है।
            हाईलाइट इंपॉर्टेंट कीवर्ड :– जो भी इंपॉर्टेंट कीवर्ड आपने अपने कंटेंट में यूज किए हैं उन्हें हाईलाइट जरूर करें उससे गूगल उन कीवर्ड को देखता है और आपके उस ब्लॉक को आसानी से और जल्दी क्रॉल करता है।
            यूज हेडिंग टैग :– वर्डप्रेस में जब भी आप कांटेक्ट लिखकर पोस्ट करते हैं तो वहां पर आपने देखा होगा कुछ हेडिंग टैग भी आते हैं। आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले हेडिंग टैग H1 से H6 तक होते हैं। आपके कंटेंट का जो भी पार्ट मेन होता है उसे h1 टैग में रखें और बाकी सबको उनकी जरूरत के अनुसार अन्य h-tag में लगा दे। इससे आपका कंटेंट आकर्षित भी लिखेगा और ऑन पेज में मदद करेगा।
            पोस्ट गुड लेंथ :– ऑन पेज सेटिंग में यह बहुत मायने रखता है कि आपने अपने कंटेंट में कितने शब्दों का इस्तेमाल किया है। आपका कंटेंट किसी भी विषय पर हो उस विषय से संबंधित सभी जानकारी आपकी पोस्ट में होनी चाहिए कम से कम 2000 शब्दों का एक कंटेंट आप को ऑन पेज seo के अनुसार तैयार करना जरूरी होता है।
            गूगल साइट मैप :– अपने ब्लॉग या पोस्ट को सर्च इंजन तक पहुंचाने के लिए गूगल साइट मैप में अपने ब्लॉग या पोस्ट का लिंक डाला जाता है ताकि आपका ब्लॉग जल्दी से गूगल के सर्च इंजन में पहुंच जाए।
            चेक ब्रोकन लिंक्स :- कभी-कभी पोस्ट के दौरान कुछ पॉइंट या लिंक छूट जाते हैं जिससे आपकी पोस्ट या ब्लॉक का लिंक ब्रोकन हो जाता है ऐसे लिंक गूगल में क्रॉल नहीं होते हैं इसलिए समय-समय पर अपनी वेबसाइट पर डाले हुए ब्लॉग या पोस्ट के लिंक को चेक करते रहें।
            Search engine optimization फ्रेंडली URL :– आपके कांटेक्ट का यूआरएल seo फ्रेंडली होना चाहिए मतलब छोटा आसान और मीनिंग फुल। ताकि वे आसानी से खोजकर्ताओं तक पहुंच सके। मतलब अगर कोई गूगल में सर्च करता है तो आसानी से आपका यूआरएल क्रॉल होकर सर्च करने वाले व्यक्ति तक पहुंचे।
            गूगल एनालिटिक्स :– आपकी वेबसाइट पर कौन से ब्लॉग पर कितने रीडर्स आते हैं और किस टाइम आते हैं इन सभी बातों की जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको अपनी वेबसाइट गूगल एनालिटिक्स के साथ जोड़नी बहुत जरूरी है।
            सोशल मीडिया बटन :- आपकी वेबसाइट के पेज पर सोशल मीडिया से संबंधित सारे बटन होने चाहिए ताकि कोई रीडर आपकी पोस्ट को पड़ता है और उसे पसंद आती है तो वह आसानी से अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उसे शेयर कर सके।
            एचटीएमएल पेज साइज :- अगर आपकी वेबसाइट एचटीएमएल पर है तो उसका पेज साइज गूगल एल्गोरिदम के अनुसार होना बहुत आवश्यक होता है। यह ऑन पर सेटिंग का एक महत्वपूर्ण फैक्टर है।
            Clear web page cache :– कभी-कभी गूगल पर जवाब का पेट्रोल कर जाता है तो उसमें थोड़ा बहुत कूड़ा कचरा आ जाता है जिसे कुकीज या cache कहते हैं। अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर जिससे उसे समय-समय पर क्लीन करना बहुत जरूरी होता है।
            वेबसाइट सिक्योरिटी Https and many others :– अपनी वेबसाइट और ब्लॉग की सिक्योरिटी का ध्यान रखना आपकी जिम्मेदारी बनता है। बहुत सारे हैकर्स और हेटर ऐसे होते हैं जो आपकी वेबसाइट को नुकसान पहुंचा सकते हैं या फिर ब्लॉक भी करा सकते है। ऐसे में अपनी वेबसाइट को सुरक्षित रखना केवल आपके हाथों में होता है।

            ऊपर बताए गए सभी बिंदु ऑन पेज seo सेटिंग के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक और अनिवार्य हैं। यदि आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर इन सभी बातों का ध्यान रखकर काम करते हैं तो आपकी वेबसाइट गूगल में बहुत जल्दी टॉप रैंकिंग में शामिल हो जाएगी। अब बात कर लेते हैं कुछ महत्वपूर्ण off web page search engine optimization फैक्टर्स के बारे में.

            Off web page seo –

            अपनी वेबसाइट के लिंक को गूगल पर प्रमोट करने के लिए बैक एंड पर कुछ काम किए जाते हैं जो off page search engine optimization में आते हैं। Off page search engine optimization किसी भी वेबसाइट के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होती है और ऑफ पेज करने के बहुत सारे तरीके भी होते हैं.

            Off web page seo 

            एक्टिविटीज इसके अलावा ऑफ पेज search engine optimization में कुछ और एक्टिविटीज भी आती हैं जैसे कि :-

            गेस्ट पोस्टिंग :- गेस्ट पोस्टिंग का सीधा और सरल शब्दों में अर्थ यह है कि दूसरे किसी अच्छे ब्लॉगर यार वेबसाइट पर जाकर जो आपके विषय से संबंधित वेबसाइट चलाता हो उस पर एक अच्छा सा कंटेंट लिखकर पोस्ट करना जिसमें आप अपने वेबसाइट की इंटरलिंकिंग कर सकते हैं उसे गेस्ट पोस्टिंग कहा जाता है। उससे आपकी वेबसाइट को बहुत ही पावरफुल बैकलिंक मिलता है। जो आपकी वेबसाइट के लिए लॉन्ग टर्म और क्वालिटी बैकलिंक के रूप में भी जाना जाता है।
            फॉर्म पोस्टिंग :- गूगल पर बहुत सारी ऐसी वेबसाइट होती है जहां पर आप अपनी वेबसाइट को प्रमोट करने के लिए फॉर्म पोस्टिंग कर सकते हैं। ऐसी साइट आपके साइट के लिंक को गूगल में क्रॉल करते हैं और जल्दी टॉप रैंकिंग में पहुंचाते हैं।
            ब्लॉग कमेंटिंग :- गूगल पर ऐसी भी बहुत सारी साइड है जहां पर आप अपनी वेबसाइट के लिंक को कमेंट करके एक अच्छा बैकलिंक बना सकते है। जो आपके वेबसाइट पर ऑफ पेज का काम करते हैं।
            अन्य एक्टिविटीज :- इसके अलावा कुछ और भी एक्टिविटीज होती हैं जो ऑफ पेज सबमिशन में आती हैं जैसे कि- ब्लॉग डायरेक्टरी सबमिशन, सर्च इंजन सबमिशन, क्लासिफाइड सबमिशन साइट, वीडियो शेयरिंग साइट, फोटो शेयरिंग साइट, क्वेश्चन आंसरिंग साइट।
            इन सभी साइट पर जाकर आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट के कीवर्ड को तथा लिंक को प्रमोट कर सकते हैं जिससे आपकी वेबसाइट पर बहुत अच्छे ऑफ पेज बैकलिंक मिलते हैं। इन सभी सबमिशन से रिलेटेड साइट आपको गूगल में आसानी से मिल जाती हैं।

            Seo method प्रकार

            आमतौर पर किसी भी वेबसाइट के लिए 2 तरह से seo की जाती है मतलब seo टेक्निक के दो प्रकार होते हैं:-

            White hat seo :-

            अपनी वेबसाइट के लिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन तरीके से बैकलिंक बनाना white hat seo में आता है। seo के इस तरीके को सबसे अच्छी तकनीक के रूप में जाना जाता है।

            Black hat search engine optimization :-

            यह एक ऐसी तकनीक होती है जिसमें किसी भी वेबसाइट को गूगल में रैंक कराने के लिए गलत तरीके से काम किया जाता है। सर्च इंजन की गाइडलाइन को फॉलो किए बिना बनाए गए बैक लिंक अच्छे नहीं होते हैं और वे सब Black hat search engine optimization में आते हैं।

            Seo वेबसाइट्स

            Search engine optimization के अनुसार अपनी साइट में ट्रैफिक बढ़ाने के लिए कुछ वेबसाइट आपकी मदद कर सकती है जैसे –

            Social Networking websites

            सोशल मीडिया के ऐसे बहुत सारे प्लेटफार्म होते हैं जहां पर जाकर आप अपने ब्लॉग और वेबसाइट को शेयर करके ऑफ पेज seo कर सकते हैं। कुछ सोशल मीडिया साइट इस प्रकार हैं –

            फेसबुक :– आज के समय में फेसबुक कौन नहीं इस्तेमाल करता है हर उम्र के इंसान आपको फेसबुक पर मिल जाएंगे। ऐसे में फेसबुक से आप अपनी वेबसाइट और ब्लॉग पर बहुत अच्छा ट्राफिक गेन कर सकते हैं। फेसबुक पर आप अपनी पोस्ट या ब्लॉग शेयर करते हैं तो वहां से आपको ऑफ पेज बैकलिंक भी मिलता है।
            फेसबुक पेज :- फेसबुक आईडी बनाना बहुत आसान है उसी तरह से फेसबुक पेज भी बनाया जाता है अगर आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग के नाम से मिलता जुलता कोई फेसबुक पेज बनाकर अपने ब्लॉग और पोस्ट शेयर करते हैं तो धीरे-धीरे आपके फॉलोअर्स बढ़ते जाते हैं और आपकी पोस्ट को पसंद भी करते हैं।
            फेसबुक ग्रुप :- फेसबुक पर ऐसे बहुत सारे ग्रुप होते हैं जहां पर आप अपनी पोस्ट को शेयर करके ट्राफिक ला सकते हैं। वहां पर बहुत सारे ब्लॉगर ऐसे होते हैं जो अपनी पोस्ट को उन ग्रुप में शेयर करते हैं और एक दूसरे की पोस्ट पर जाकर ट्रैफिक की अदला बदली करते हैं।
            टि्वटर :- ट्विटर के जरिए आज के समय में हर कोई अपनी सोच और अपने द्वारा नए आइडिया शेयर करने का काम करते हैं। बहुत सारे ब्लॉगर ऐसे होते हैं जो ट्विटर के जरिए अपने ब्लॉग या किसी प्रोडक्ट को शेयर करके काफी अच्छा ट्रैफिक अपनी वेबसाइट पर लाते हैं। टि्वटर पर पोस्ट करना ऑफ पेज search engine optimization का बेस्ट पार्ट है।
            गूगल प्लस :– गूगल प्लस बीएक्स सोशल नेटवर्किंग साइट है जो थोड़ा बहुत फेसबुक की तरह ही सुविधाएं देता है। हालांकि ज्यादा लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं परंतु बहुत सारे लोग इसे यूज करते हैं। यह भी एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर आप फ्री में अपनी वेबसाइट के लिए ऑफ पेज बैकलिंक्स ले सकते हैं।

            Social Bookmarking sites

             

            इनके अलावा कुछ सोशल बुकमार्किंग साइट होते हैं जिन पर ऑफ पेज बैकलिंक बनाकर अपनी साइट को गूगल की टॉप रैंकिंग में लाया जा सकता है।

            टंबलर/Tumblr :– यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जहां पर आप अपना अकाउंट बनाकर अपनी पोस्ट, ब्लॉग या नए थॉट्स शेयर करके ट्रैफिक ला सकते हो। ऑफ पेज सियो के लिए यह सबसे अच्छी सोशल बुकमार्किंग साइट है।
            पिंटरेस्ट/Pinterest :– सोशल बुकमार्किंग के लिए इंटरेस्ट भी काफी बेहतरीन साईट है जहां पर इमेज के जरिए आप अपनी साइट का प्रमोशन कर सकते हैं और इस साइट पर पोस्ट किया गया कंटेंट जल्दी से गूगल में क्रॉल भी हो जाता है।
            Diggo :– अच्छी डोमेन अथॉरिटी और रेटिंग के साथ डिगो भी सोशल बुकमार्किंग साइट है जहां पर आप आसानी से अपने साइड के कंटेंट ब्लॉक के लिंक आदि को शेयर करके बैकलिंक बना सकते हैं।
            अन्य सोशल बुकमार्किंग साइट्स :– Digg, linkedin, Reddit, stumbleupon, scrumptious आदि हैं जिन पर आप अपनी वेबसाइट के लिए ऑफ पेज search engine optimization करके अपने ब्लॉग या वेबसाइट की डोमेन रेटिंग और पेज अथॉरिटी बढ़ा सकते हैं।

            Seo suggestions

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          7. FAQ

            Q : SEO क्या है ?

            Ans : सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन

            Q : SEO कैसे करें ?

            Ans : क्रेव्लिंग, इंडेक्सिंग एवं मैचिंग प्रक्रिया के माध्यम से

            Q : SEO के प्रकार क्या है ?

            Ans : 2, ओन पेज SEO एवं ऑफ पेज SEO

            Q : SEO टेक्निक्स क्या है ?

            Ans : White hat seo एवं Black hat seo

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